भारत के हृदय प्रदेश के रूप में जाने वाला मध्य प्रदेश | इसे मध्य प्रदेश इसलिए कहा जाता है ,क्योंकि यह भारत के मध्य में स्थित है , इसी प्रकार इसे टाइगर स्टेट भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर टाइगर की संख्या भी सर्वाधिक पाई जाती है तो चलो आज मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बाघ प्रोजेक्ट (Tiger Project) Tiger reserve in MP और इससे जुड़े अन्य तथ्य के बारे में जानते हैं, यह कब शुरू हुआ , इसे किसने शुरू किया , इसके पीछे की क्या कहानी है और अन्य कई महत्वपूर्ण तथ्य और पहलुओं को आज हम अपने इस ब्लॉग के माध्यम से आपके सामने साझा करेंगे जो की एक MP Psc अभ्यर्थी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
Project Tiger की शुरुआत
भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1 April 1973 में शुरू हुई थी वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वर्ष 1997 से प्रदेश के सभी टाइगर प्रोजेक्ट में टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी की स्थापना की गई राष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण हेतु प्रोजेक्ट टाइगर योजना 1 April 1973 से लागू की गई थी जबकि मध्य प्रदेश में Project Tiger की शुरुआत 1994 में कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से की गयी थी |
Project Tiger के जन्म दाता
विश्व में प्रोजेक्ट टाइगर के जन्मदाता गेनी मेनफोर्ड को कहा जाता है | जबकि भारत में प्रोजेक्ट टाइगर के जन्मदाता कैलाश सांखला को माना जाता है|
Project Tiger की शुरुआत का उद्देश्य
बाघ की प्रजाति विलुप्त होती जा रही थी बाघों की संरक्षण और संवर्धन को प्रोत्साहित करना के लिए Project Tiger yojana की शुरुवात की गयी इसका मुख्य उद्देश्य था भारत के बाघ जनसँख्या को बढ़ावा देना, उनकी संरक्षण की गहरी पहचान करना और उनके जीवनस्तर को सुनिश्चित करना। इसके माध्यम से बाघों के वास्तविक क्षेत्रों को संरक्षित करने, उनकी आबादी को बढ़ावा देने, उनके पर्यावरण को सुधारने और उनकी संभावित खतरों का सामना करना था ।
मध्य प्रदेश में कितने टाइगर रिजर्व हैं ? (How Many Tiger Reserve in MP)
Tiger reserve of MP list : MP जिसे Tiger State का दर्जा दिया गया हे इसकी बात करे तो यहाँ अभी तक 6 राष्ट्र उद्यान (National Parks ) + 2 अभ्यारण ( Wild Life Sanctuary ) हेजिसमे 1 प्रस्तावित है जिन्हे अभी तक प्रोजेक्ट टाइगर की सूचि में शामिल किया गया है यह सूचि निचे दी गयी है
MP Tiger reserve list
क्रमांक | नाम | स्थापना वर्ष | प्रोजेक्ट टाइगर वर्ष | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | जिला |
---|---|---|---|---|---|
1 | कान्हा | 1933 | 1973-74 | 940 | मंडला |
2 | पेंच | 1977 | 1992 | 293.85 | छिंदवाड़ा, सिवनी |
3 | बांधवगढ़ | 1968 | 1993 | 448.842 | उमरिया |
4 | पन्ना | 1981 | 1994 | 542.662 | पन्ना |
5 | सतपुड़ा | 1981 | 1999 | 528.73 | होशंगाबाद |
6 | संजय दुबरी | 1951 | 2008 | 466.7 | सीधी |
7 | रानी दुर्गावती | 1977 | 2023 | 1414 | सागर, दमोह, नरसिंहपुर |
8 | रातापानी | 1976 | प्रस्तावित | 910 | रायसेन |
Kanha Tiger reserve in MP
Kanha Tiger reserve in MP (कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान )
- स्थापना : 1933 में कान्हा किसली अभ्यारण की स्थापना की गयी
- 1952 में अभ्यारण बनाया गया
- 1955 राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया
- 1974 में प्रथम बार कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को project टाइगर में शामिल किया गया
- विस्तार : बालाघाट , मंडला में फैला हुआ है
- क्षेत्रफल : 939.947 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है
- शुभंकर : कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान भारत का प्रथम टाइगर रिजर्व है जिसे वर्ष 2017 में अपना शुभंकर भूरसिंह बारासिंगा जारी किया जिसका डिजाइन रोहन चक्रवर्ती द्वारा बनाया गया है
- यहां बाघों की संख्या सर्वाधिक पाई जाती है यहां हालो व बंजारा घाटी स्थित है
- ब्रांडेड ने अपनी पुस्तक वाइल्ड एनिमल इन सेंट्रल इंडिया में बंजर घाटी (बालाघाट ) का वर्णन किया है
- यहां पर स्थित बामिनी दर को सूर्यास्त पॉइंट सनसेट पॉइंट के रूप में जाना जाता है जो गाना किस लिए उद्यान का सबसे ऊंचा क्षेत्र है जहां बंजारा व सुपर्णा नदी प्रवाहित होती है
- यहां विश्व बैंक के सहयोग से पार्क इंटरप्रिटेशन योजना चल रही है जिसमें पन्ना बांधवगढ़ कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मध्य जंगल गलियारा का निर्माण किया जाएगा
- यहां पर वन्य प्राणी संबंधित प्रशिक्षण तथा हवाई पट्टी की व्यवस्था भी की गई है |
- एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान जहां पर ब्रेडरी प्रजाति का बारहसिंघा पाया जाता है जिसे कान्हा का गहना भी कहा जाता है |
- इस राष्ट्रीय उद्यान में भूर सिंह प्ले स्कूल प्रस्तावित है |
- कान्हा किसली में एक पौराणिक श्रवण ताल मंडला जिले में स्थित है |
- तेलंगाना की संस्था LACONES की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार कान्हा किसली बागों के शरीर में मेटाबोलाइट्स नामक केमिकल पाया जाता है जिसके कारण बाग अत्यधिक तनाव में रहते हैं |
- राष्ट्रीय उद्यान में बेगा महिलाएं गाइड का काम करती है |
- इसमें बाघ ,चीतल, बारहसिंगा, नीलगाय, सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते हैं |
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में उष्णकटिबंधीय और शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं यहां का सबसे लोकप्रिय वृक्ष इंडियन गोश्त ट्री कुल्लू भी पर्णपाती क्षेत्र में पाया जाता है
Bandhavgad Tiger reserve in MP
Bandhavgad Tiger reserve in MP(बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान)
- स्थापना 1968 में की गई
- 1993 में इस प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित किया गया
- स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान विंध्य पर्वतमाला के पूर्वी भाग के उमरिया जिले में स्थित है
- क्षेत्रफल 437 वर्ग किलोमीटर में फैला है
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा इसके मध्य में 2000 वर्ष पुराना बांधवगढ़ का किला स्थित है इसके मध्य में चरण गंगा नदी प्रवाहित होती है
- यह राष्ट्रीय उद्यान बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है इसके अतिरिक्त यहां पर सफेद शेर ,सांभर, भालू, तेंदुआ ,नीलगाय ,शीतल हिरण आदि वन्य जीव पाए जाते हैं
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाधिक बल घनत्व पाया जाता है प्रत्येक 8 Km पर एक बाघ पाया जाता है जिसके कारण इसकी तुलना रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान से की जाती है
- चार्जर पाइंट : बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में चार्जर (नर बाघ ) व सीता (मादा बाघ ) सर्वाधिक प्रसिद्ध बाघ थे इस उद्यान में चार्जर बाघ के नाम पर चार्जर पाइंट भी निर्मित किया गया है
- सीता बाघिन को नेशनल जियोग्राफिक मैगजीन के कवर पृष्ठ पर उजागर किया गया है।
- दिसंबर 2020 में यह देश का पहला हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ किया गया
- विशेष आकर्षण : इस राष्ट्रीय उद्यान की पहाड़ी पर कबीर चौरा नामक स्थान है
- योजना : इस राष्ट्रीय उद्यान में गौर पुनर्वास योजना संचालित की जा रही है
- प्रस्ताव : मध्य प्रदेश की कान्हा किसली तथा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को जंगल गडरिया योजना के तहत जोड़ने का प्रस्ताव है
- इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की सर्वाधिक प्रजाति पाई जाती है
Panna Tiger reserve in Mp
Panna Tiger reserve in MP (पन्ना राष्ट्रीय उद्यान )
- विस्तार :पन्ना राष्ट्रीय उद्यान उत्तर विंध्याचल पहाड़ी के मध्य पन्ना एवं छतरपुर जिले तक विस्तृत है
- स्थापना :1981 में की गई
- प्रोजेक्ट टाइगर 1994 में इस प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया
- इसे भारत के राष्ट्रीय उद्यानों का रन कहा जाता है
- क्षेत्रफल : 542. 662 वर्ग किलोमीटर
- नदी प्रवाहित : राष्ट्रीय उद्यान में केन नदी उत्तर दिशा में प्रवाहित होती है जिससे इस राष्ट्रीय उद्यान का की जीवन रेखा भी कहा जाता है, केन बेतवा के कारण कुछ क्षेत्र डूब में आ रहा है
- प्रसिद्ध: पन्ना राष्ट्रीय उद्यान आवला उत्पादन ,रेप्टाइल पार्क और जंगली भैंस संरक्षण के लिए भी प्रसिद्ध है जंगली भैंसों की संख्या सर्वाधिक है
- यहां पर गिद्ध पुनर्वास केंद्र स्थापित किया गया है
- 2016-17 में विश्व प्रसिद्ध वेबसाइट टिप एडवाइजर द्वारा अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस पुरस्कार प्रदान किया गया है
Pench Tiger Reserve in MP (पेंच राष्ट्र उद्यान)
- स्थापना : 1977 में की गई इसे अभ्यारण घोषित किया गया
- 1983 में इसे राष्ट्रीय उद्यान की मान्यता प्राप्त हुई।
- प्रोजेक्ट टाइगर : 1992 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत शामिल किया गया
- क्षेत्रफल : 292.85 वर्ग km
- विस्तार : पेंच राष्ट्रीय उद्यान सतपुड़ा पहाड़ियों के दक्षिण भाग सिवनी ,छिंदवाड़ा जिले में फैला हुआ है और यह राष्ट्र उद्यान मध्य प्रदेश व महारष्ट्र की सिमा पर स्थित है
- नदी प्रवाहित : पेंच राष्ट्रीय उद्यान से उत्तर से दक्षिण की ओर पेंच नदी प्रवाहित होती है इस नदी पर तोतला डोह बांध का निर्माण किया गया है
- 2002 में पेंच राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान एवं पेंच मोगली अभ्यारण कर दिया गया
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान को मोगली लैंड विकसित किया गया है यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2004 में मोगली लैंड उत्सव आयोजित किया जाता है
- राष्ट्रीय उद्यान को मोगली लैंड भी कहा जाता है क्योंकि रुडयार्ड किपलिंग की पुस्तक जंगल बुक की परिकल्पना यही से की गई थी
- यहाँ का सबसे चर्चित स्थल काला पहाड़ है की समुद्र तल से ऊंचाई 650 मीटर है
Satpura Tiger Reserve in MP (सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान )
- स्थापना :1981 में की गई थी
- क्षेत्रफल :528. 23 km
- प्रोजेक्ट टाइगर: सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को में 1999 में प्रोजेक्ट टाइगर शामिल किया गया था
- स्थिति : होशंगाबाद जिले में स्थित
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को प्रथम बार 1999 में प्रथम बायोस्फीयर रिजर्व पचमढ़ी घोषित किया गया था
- नदी प्रवाहित : इस इस राष्ट्रीय उद्यान के बीच-बीच में दिनवा नदी प्रवाहित होती है
- इस राष्ट्रीय उद्यान में कृष्ण मृग की संख्या सर्वाधिक पाई जाती है यह राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के लिए भी प्रसिद्ध है जिसे मैं मुख्यत: इंडियन बायसन गौर पक्षी पाया जाता है
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मुख्य रूप से तवा जलाशय का जल ग्रहण क्षेत्र है
Sanjay dubri Tiger Reserve in MP (संजय डुबरी राष्ट्रीय उद्यान)
- स्थापना : संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी
- 1951 मैं इसे रीवा के राजा ने बनाया था
- डुबरी अभ्यारण एवं संजय नेशनल पार्क को मिलाकर बनाया गया है यह संजय डुबरी राष्ट्रीय उद्यान
- प्रोजेक्ट टाइगर : इसे प्रोजेक्ट टाइगर में 2008 में सम्मिलित किया गया था यह प्रदेश का छठवां प्रोजेक्ट टाइगर था
- विस्तार : इसका विस्तार मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य में है मध्य प्रदेश में इसका विस्तार सिंधी व सिंगरौली जिले तक तथा छत्तीसगढ़ में सरगुजा व कोरिया जिले में है
- छत्तीसगढ़ में इसे गुरु घासीदास जी के नाम से जाना जाता है
- क्षेत्रफल : 466.7 वर्ग किलोमीटर में फैला है
- नदी प्रवाहित : इस राष्ट्रीय उद्यान में बनास नदी प्रवाहित होती है , जो की सोन नदी की सहायक नदी है
- यह राष्ट्रीय उद्यान अविभाजित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान था परन्तु अब कान्हा किसली है
Rani Durgavati Tiger Reserve in MP (रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व)
- स्थापना 1977 में की गई थी
- प्रोजेक्ट टाइगर : दूसरा अभ्यारण है जिसे 20 सितंबर 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है
- मध्य प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व है
- विस्तार सागर दमोह और नरसिंहपुर तक का क्षेत्र को मिलाकर यह टाइगर रिजर्व बनाया जायेगा
- क्षेत्रफल 1 लाख 40 हजार से भी अधिक हेक्टेयर तक फैला है
- नौरादेही और रानी दुर्गावती अभ्यारण को मिलाकर टाइगर यह मध्य प्रदेश का सर्वाधिक वृहद कोर क्षेत्र वाला टाइगर रिजर्व बनाया गया है
Ratapani Tiger Reserve in MP ( रातापानी टाइगर रिज़र्व )
- स्थापना : 1976 में की गई थी
- स्थित : यह अभ्यारण रायसेन जिले में स्थित है
- क्षेत्रफल: 910 वर्ग किलोमीटर में फैला है
- यह मध्य प्रदेश का पहला अभ्यारण है जिसे प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत शामिल करने की पहल की गई थी और अभी भी यह प्रस्तावित है
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MP Tiger Report
मध्य प्रदेश, जहां वन्यजीवन के संरक्षण को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस क्षेत्र में विशेष रूप से बाघ के संरक्षण एवं प्रदर्शन के लिए पहले से ही कई प्रकल्प चल रहे हैं। इस संदर्भ में, मध्य प्रदेश बाघ रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय डॉक्यूमेंट है जो मध्य प्रदेश के बाघ संरक्षण की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत करता है। Tiger report (बाघ रिपोर्ट )हर 4 साल में National Tiger Conservation authority व भारतीय वन्य जीव संस्था द्वारा जारी की जाती है
वर्ष 2018 की बाघ रिपोर्ट 29 जुलाई 2019 में प्रस्तुत की गयी थी उसके बाद 2022 में बाघों की जनगणना की गयी जिसके आंकड़े इस प्रकार है
2018 बाघ रिपोर्ट भारत में कुल बाघों की संख्या 2967 थी जिसमे मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर था
स्थान | राज्य | बाघों की संख्या |
---|---|---|
1 | मध्य प्रदेश | 526 |
2 | कर्नाटक | 524 |
3 | उत्तराखंड | 442 |
2022 की बाघ रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में बाघों की कुल संख्या 785 है
Tiger Reserve in MP | जिला | बाघों की संख्या |
बांधवगढ़ | उमरिया | 165 |
कान्हा | मंडला | 129 |
पेंच | छिंदवाड़ा, सिवनी | 123 |
पन्ना | पन्ना | 64 |
सतपुड़ा | होशंगाबाद | 62 |
संजय दुपारी | सीधी | 20 |
अन्य | – | 222 |
कुल | – | 785 |
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