मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है | मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में समुचित विकास में नदियां प्रमुख भूमिका निभाती है | सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन में भी नदियों का महत्वपूर्ण योगदान है | मध्य प्रदेश में पत्थर एवं पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतम होने के कारण या यहाँ कई नदियों का उद्गम होता है | जिस कारण मध्य प्रदेश को नदियों MP RIVERS को मायका कहा जाता है | मध्य प्रदेश के नदिया के प्रकृति प्रायद्वीपीय प्रकार की होती है मध्य प्रदेश में 207 छोटी – बड़ी नदियां प्रवाहित होती है |
इस लेख में, मध्य प्रदेश की नदियों की विस्तृत व्याख्या की गई है और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची भी प्रस्तुत की गई है ताकि आपकी तैयारी में सहायक हो। यह MPPCS परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसे विषयों पर प्रश्न अच्छी संख्या में पूछे जाते हैं और इस प्रकार के विषयों पर प्रभुत्व होना महत्वपूर्ण है।
नदियों को सभ्यता का पालन कहा जाता है नदियां आदिकाल से मानव के जीविकोपाजन का साधन बनी है विश्व की अनेक संस्कृति का जन्म भी नदियों के किनारे हुआ है इसलिए इसे सभ्यता का पालन कहा जाता है
उदगम: नर्मदा नदी अनूपपुर जिले मैं निकल पर्वत श्रेणी की अमरकंटक पहाड़ी पर स्थित नर्मदा कुंड से निकलती है
मुहाना: नर्मदा नदी मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र ,गुजरात से होते हुए खम्भात की खाड़ी में जाकर गिर जाती है
लम्बाई: कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है मध्य प्रदेश में लंबाई 1077 किलोमीटर है
अपवाह क्षेत्र: 87% भाग मध्य प्रदेश 11% गुजरात और 2% महाराष्ट्र राज्य में है
नर्मदा अपवाह तंत्र: MP का दूसरा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है 85930 वर्ग km क्षेत्र मपर विस्तृत है
नर्मदा नदी का सम्पूर्ण अपवाह तंत्र वृक्ष नुमा प्रणाली (Dendritic pattern ) का है |
अन्य नाम: रेवा , सोम देवी , मेकलसूता, सोमदेवी, शिवन्या, शिवपुत्री ,निबुद्धा कावेरी (ओम्कारेश्वर में पहाड़ है ) व भूगोलविद टॉलमी ने नमो दास कहा |
भ्रंश घाटी में प्रभावित होने के कारण नर्मदा नदी में अवसादों का अभाव है जिसके कारण यह अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण न करके 27 किलोमीटर लंबी ज्वारनदमुख (Estuary ) का निर्माण करती है अरब सागर में गिरने वाली यह नदी प्रदीप भारत की सबसे लंबी नदी है
नर्मदा नदी को 2017 में जीवित नदी का दर्जा दिया गया
नर्मदा नदी को भारत की ह्रदय रेखा ,व मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है |
नर्मदा नदी को भारत की ह्रदय रेखा ,व मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है |
नर्मदा नदी को खुशी की नदी River of Pleasure भी कहा जाता है
राजकीय मछली महाशीर नर्मदा नदी में ही पायी जाती है
नर्मदा नदी का वाहन मगरमच्छ है
नर्मदा नदी भारत की 5 वी सबसे बड़ी नदी है
गुजरात में नर्मदा नदी पर दुनिया का सबसे ऊंची सरदार पटेल प्रतिमा (Statue of Unity) जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है जिसका अनावरण 31 october 2018 को किया गया जिसके वास्तुकार राम सुतार है
नर्मदा नदी की सहायक नदियां
नर्मदा नदी की कुल 41 सहायक नदियां है जिसमें 22 बाई तरफ से वह 19 दाएं तरफ से आकर नर्मदा नदी में मिलती है
दाएं तरफ से नदियाँ
बाईं तरफ से नदियाँ
हिरण, बारना
थावर, बंजर, शेर, शक्कर, तवा, सुक्ता, कुंडा, गोई, कोई
कोलार, मान, हथिनी
नर्मदा नदी पर प्रमुख जलप्रपात
नदी
प्रमुख जलप्रपात
स्थान
नर्मदा
कपिलधारा, दुग्ध धारा, दुर्गधारा, शंभू धारा, लक्ष्मण धारा, पंच धारा
अमरकंटक, अनूपपुर जिले
नर्मदा
धुआंधार जलप्रपात
भेड़ाघाट, जबलपुर
नर्मदा
मांधाता व दर्दी जलप्रपात
खंडवा
नर्मदा
सहस्त्र धारा जलप्रपात
महेश्वर, खरगोन
नर्मदा
जारवानी जलप्रपात
गुजरात
नर्मदा नदी पर प्रमुख परियोजनाएं
परियोजना
स्थान
थावर
मंडल
अवंती बाई
जबलपुर
इंदिरा सागर
खंडवा
देजल देवड़ा
खरगोन
महेश्वर
खरगोन
मान
धार
लोअर गोई
बड़वानी
सरदार सरोवर
गुजरात
नर्मदा नदी पर प्रमुख घाट
गौरी घाट जबलपुर इस घाट पर 24 फरवरी 2020 को मध्य प्रदेश गोकुंभ का आयोजन किया गया था
सेठानी घाट होशंगाबाद
बरमान का घाट करेली तहसील नरसिंहपुर यहां मकर संक्रांति पर 13 दिनों के लिए बर्मन का मेला आयोजित किया जाता है
महेश्वर घाट खरगोन इसका निर्माण देवी अहिल्या ने करवाया था यह मध्य प्रदेश का सबसे लंबा नदी घाट है
नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में 16 जिलों से प्रभावित होती है जिसकी सूची इस प्रकार है
S.No
जिला
1.
अनूपपुर
2.
डिंडोरी
3.
मंडला
4.
सिवनी
5.
जबलपुर
6.
नरसिंहपुर
7.
खरगोन
8.
होशंगाबाद
9.
सीहोर
10.
हरदा
11.
देवास
12.
खंडवा
13.
बड़वानी
14.
धर
15.
अलीराजपुर
16.
खरगोन
नर्मदा नदी से संबंधित पुस्तक व उनके लेखक
पुस्तक
लेखक
सौंदर्य की नदी नर्मदा
अमृतलाल बेगड़
अमृतस्य नर्मदा
अमृतलाल बेगड़
तीरे तीरे नर्मदा
अमृतलाल बेगड़
नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो
अमृतलाल बेगड़
नर्मदा समग्र
स्व अनिल माधव दवे
जंगल रहे ताकि नर्मदा बहे
पंकज श्रीवास्तव
अथ नदी कथा
श्री कृष्ण देवसरे
नर्मदा रिवर ऑफ़ ब्यूटी
अमृतलाल बेगड़
द नर्मदा रिवर ऑफ़ जॉय
अमृतलाल बेगड़
नर्मदा हर हर नर्मदे
श्री सुहास लिमये
नर्मदा परिक्रमा
पंडित राम प्रसाद पाठक
नर्मदा की धारा से
शिवकुमार तिवारी व गोविंद प्रसाद मिश्रा
संस्कृति – स्त्रोतस्विनी नर्मदा
डॉ अयोध्या प्रसाद द्विवेदी
पानी उत्तर गया
श्री के एस तिवारी
नमामि देवी नर्मदे यात्रा
उद्देश्य: नर्मदा नदी के प्रदुषण को रोकना , जल संरक्षण व शुद्धिकरण करना
प्रारम्भ: 11 December 2016
समाप्त: 15 May 2017
नमामि देवी नर्मदे यात्रा का शुभारंभ अमरकंटक से किया गया
इस यात्रा में कुल 148 दिनों तक लगभग 16 जिलों में 3350 किलोमीटर की दूरी तय की गयी
चंबल नदी | CHAMBAL RIVER
उदगम:मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के स्थित महू के निकट विंध्य श्रेणी की जानापाव पहाड़ी के वांग्चू पॉइंट से निकलती है
लम्बाई: 965 किलोमीटर कुल लम्बाई
मध्य प्रदेश में लम्बाई 325 किलोमीटर
मुहाना: उत्तर पूर्व से पूर्व दिशा में क्रमशः उज्जैन, शिवपुरी, भिंड एवं मुरैना जिलों में प्रभावित होते हुए इटावा (उत्तर प्रदेश) के समीप यमुना नदी में मिली जाती है
अपवाह क्षेत्र : 43200 वर्ग km
चंबल नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान के मध्य प्राकृतिक सीमा बनाती है
मध्य प्रदेश के दूसरे सबसे बड़ी नदी है
चम्बल नदी को पश्चिमी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है
सहायक नदी : शिप्रा , सिवना , कालीसिंध , पार्वती , कुनो , बनास , सिप नदी है |
अन्य नाम : चर्मवती , धर्मावती , कामधेनु , रतिदेव की कीर्ति भी कहा जाता है
चम्बल नदी में ही डॉल्फिन संरक्षण किया जाता है
चंबल नदी अवनालिका अपरदन अथवा बीहड़ रिवाइंडलैंड का निर्माण करती है
मध्य प्रदेश के बीहड़ प्रभावित जिले शिवपुर, मुरैना, भिंड है
चम्बल नदी पर चंबल घड़ियाल देवरी घड़ियाल केंद्र मुरैना में स्थित है
चंबल नदी का पुराना नाम शर्मावती व कामधेनु है
बनास , सिप व चम्बल नदी रामेश्वर त्रिवेणी संगम का निर्माण राजिस्थान में करती है